Artificial Intelligence क्या है; क्या AI हो सकता है भविष्य के लिए खतरा?

यदि हम आपसे आज से 15 से 20 साल पहले यह सवाल करते की की क्या मशीन इंसानों को भांति सोच समझ सकती है और इंसानों की तरह ही कार्य कर सकती है तो अधिकतर लोगों का जवाब “नही” होता। लेकिन बदलती टेक्नोलॉजी के साथ आज के दौर में यह बाते सच होती नजर आ रही है और यह सभी चीजे संभव है Artificial Intelligence की मदद से। यदि आप नही जानते की आखिर ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और कैसे यह भविष्य को बदल सकता है तो इसका जवाब आज के इस लेख में छुपा है।

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जैसा की आप जानते होंगे की परिवर्तन संसार का नियम है लेकिन किसी ने क्या कभी सोचा था कि भविष्य की टेक्नोलॉजी में इतना ज्यादा बदलाव हो जायेगा? शायद किसी ने नही सोचा था। पर आज नई टेक्नोलॉजी के साथ साथ कई सारे बदलाव देखने को मिल रहे है। वीडियो कॉल से हम दूर बैठे इंसान को देख सकते है, गूगल असिस्टेंट से हम बात कर सकते है, गूगल हमारे सारे सवालों का जवाब दे देता है और भी कई ऐसी चीजे है को आज की आधुनिक तकनीक का हिस्सा है।

इन सब में एक और नई टेक्नोलॉजी है जो जल्दी ही मानवजाति की जगह भी ले सकती है और यह टेक्नोलॉजी है Artificial Intelligence यानी कृत्रिम बुद्धिमता। एक ऐसी तकनीक जो मशीनों के अंदर भी जान डाल सकती है, उन्हे मनुष्यों के समान कार्य करने के सक्षम बना सकती और इंसानों की तरह ही मशीनों में भी सोचने समझने की शक्ति को विकसित किया जा सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल आज कल कई सारी कम्पनी अपने प्रोडक्ट और सर्विस में कर रही है।

समय के साथ साथ इसका उपयोग और अधिक होगा। इस तकनीक के ऐसे बहुत से फायदे है जो मानवजाति के विकास में बहुत ज्यादा मदद कर सकता है लेकिन वही इसके कुछ दुष्प्रभाव भी है। चलिए फिर हम आज इस लेख के माध्यम से आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही हम जानेंगे की कैसे यह भविष्य को बदलने की क्षमता रखता है।

Artificial Intelligence क्या है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विज्ञान की आधुनिक तकनीकों तथा कम्प्यूटर द्वारा निर्मित किया गया एक प्रोग्राम है जो मशीनों में मानवीय दिमाग की भांति कार्य करता है। जिस प्रकार मानव शरीर मे हमारा दिमाग हमने सोचने, समझने, निर्णय लेने और समस्याओं का समाधान निकालने में मदद करता है ठीक उसी प्रकार AI की मदद से मशीनों के अंदर भी यह क्षमता उत्पन्न की जाती है। हिंदी में AI को कृत्रिम बुद्धिमता कहते है क्योंकि इसे मानव द्वारा स्वयं बनाया जाता है।

आजकल अधिकतर टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के लिए एप्पल का सिरी, गूगल के गूगल असिस्टेंट और अमेजॉन एलेक्सा, मोबाइल ऐप्स में इस्तेमाल होने वाला वाइस सर्च का ऑप्शन यह सभी के सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण हैं। इनको हम बस आदेश देते है और आगे की प्रक्रिया यह खुद से करते है। यहां तक कि AI का इस्तेमाल स्मार्ट टीवी, फैन, स्मार्टफोन, रोबोट, औद्यौगिक मशीन, कार आदि में किया जाने लगा है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मुख्य रूप से तीन प्रक्रियाओं के आधार कर कार्य करती हैं। पहला Learning यानी की मशीनों को कार्य करने के लिए उनके कृत्रिम दिमाग में जानकारी और नियम का समावेश किया जाता है ताकि उनको यह समझ में आ सके की किन नियमों का पालन करते हुए कौन सा कार्य करना है। दूसरा Reasoning यानी की कंप्यूटरीय दिमाग को इस प्रकार से आदेश देना की वो नियमों के आधार पर परिणाम की तरफ जाए और तीसरा Self Correction यानी की कोई गलती या समस्या का समाधान खुद निकालने की क्षमता।

Artificial Intelligence पहली बार अस्तित्व में कब आया?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में John McCarthy ने 1956 में सबसे पहले अपने एक Conference के दौरान बताया था। जॉन मैकार्थी एक कंप्यूटर वैज्ञानिक और शोधकर्ता थे। जॉन मैकार्थी को ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक के रूप में देखा जाता है। उनके अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से मशीनों में कृत्रिम बुद्धिमता का विकास किया जा सकता है।

Artificial Intelligence के प्रकार कौन कौन से है?

वैसे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई सारे प्रकार है लेकिन मुख्यतः इन्हे चार भागों में विभाजित किया गया है जिनके बारे में हमने निम्नलिखित व्याख्या की है।

1. Purely Reactive AI

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे सामान्य रूप Purely Reactive AI है क्योंकि इसके अंदर मेमोरी को स्टोर करने की क्षमता नही होती है। सरल शब्दों में कहा जाए तो इस AI के द्वारा जो भी टास्क किए जाते है उनकी जानकारी को यह स्टोर नही कर सकता है यानी यह सिर्फ वर्तमान प्रक्रिया पर अपनी प्रतिक्रिया देता है और अतीत में किए गए कार्यों का इसके पास कोई डाटा नही रहता है।

इसे समझने के लिए हम IBM द्वारा निर्मित किए गए एक Deep Blue Program Chess का उदाहरण लेते है जो की एक AI प्रोग्राम था जिसने Garry Casporav को चेस में मात दे दी जबकि उस AI प्रोग्राम के पास अपनी पिछली चाल का कोई रिकॉर्ड नहीं था। अतः Purely Reactive AI वर्तमान में हो रही गतिविधियों को समझकर अपनी प्रतिक्रिया देता है। 

2. Limited Memory AI

आप इसके नाम से ही समझ पा रहे होंगे की इस ग्रुप में उन AI मशीनों को रखा जाता है जो डाटा या इनफॉर्मेशन को थोड़ी मात्रा में ही स्टोर करके रख सकती है। अर्थात इनके पास इतनी क्षमता नही होती है की यह अधिक मात्रा में डाटा को स्टोर करके रख सकें। यह AI प्रोग्राम निकट समय में किए गए कार्यों का डाटा ही स्टोर करके उनको भविष्य में किए जाने वाले कार्यों के लिए इस्तेमाल करती है।

उदाहरण के लिए आप ऑटोमैटिक या फिर सेल्फ ड्राइविंग कार को देख सकते हो जो अतीत में की गई प्रक्रियाओं के द्वारा प्राप्त अनुभव और जानकारी का इस्तेमाल भविष्य में करती है जैसे की किस समय ब्रेक लगाना है, कब कार की स्पीड कम करनी है और कब कार को आराम से चलाया जाता है आदि। इस AI की एक खसियत यह है की यह जरूरत के अनुसार पुराने डाटा को डिलीट करें नए डाटा को स्टोर कर सकती है।

3. Theory of Mind

काल्पनिक अवधारणा पर आधारित Theory of Mind ऐसे AI प्रोग्राम का निर्माण करने के विषय में दावा करती है जिनकी मदद से मशीनों में हुबहू मानवीय दिमाग की तरह एक कृत्रिम बुद्धि का समावेश किया जा सके जो मानवीय मस्तिष्क की तरह ही सोचने समझने, निर्णय लेने, प्रक्रिया को संपन्न करने और वांछित परिणाम प्रदान करने की क्षमता रखती हो। 

हालाकि अभी तक इस AI प्रोग्राम के साथ ऐसी कोई मशीन या रोबोट का निर्माण नही हो पाया है क्योंकि मानवीय मस्तिष्क की संरचना और उसके कार्य करने की क्षमता को फिलहाल पूरी तरह से समझ पाना संभव नही है। लेकिन हो सकता है भविष्य में जरूर हमे Theory of Mind से जुड़े AI मशीन और प्रोग्राम देखने को मिलें। 

4. Self Conscious AI

आप इसके नाम से शायद खुद ही समझ पा रहे होंगे की ऐसी AI प्रोग्राम या सिस्टम जो इंसानों की तरह न सिर्फ सोच समझ सकती है बल्कि भावनाओ को महसूस कर सकती है जैसे की सुख दुःख, ठंडा गर्म, प्यार गुस्सा आदि। यदि आपने सुपरस्टार रजनीकांत की मूवी Robot देखी तो आपको Chitti नाम का रोबोट जरूर देखने को मिला होगा। यह रोबोट Self Conscious AI पर ही आधारित था। फिलहाल अभी एसी कोई मशीन नही है लेकिन भविष्य में जरूर हमे यह देखने को मिल सकता है।


Artificial Intelligence का उपयोग किन किन क्षेत्रों में किया जाता है?

आज के समय में ऐसे बहुत से क्षेत्र है जहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है। इसी संदर्भ में हमने नीचे कुछ क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी है जहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है और भविष्य में और ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा।

1. Health

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल आज के समय में हेल्थ सेक्टर में काफी ज्यादा बढ़ गया है। एक समय वो था जब स्वास्थ्य से जुड़े सारे काम इंसान खुद हाथों से करता था और कुछ कार्य ऐसे थे जो संभव नही थे लेकिन आज टेक्नोलॉजी के साथ AI का समामेलन हो चुका है और ऐसी AI आधारित मशीनों का निर्माण हो चुका है जो एक आदेश पर मनुष्य के सारे शरीर के साथ रोगों की जांच भी कर सकता है।

कोविड के दौरान हॉस्पिटल में जहां डॉक्टर भी नही जा पा रहे थे वहां पर AI आधारित रोबोट का इस्तेमाल किया जाता था मरीजों के पास दवाई, कपड़े और खाना ले जाने के लिए। इसके साथ आजकल मशीनों की मदद से ही बड़े और जटिल ऑपरेशन किए जाते हैं। हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा काफी बदलाव आया है।

2. Education

शिक्षा के क्षेत्र में भी AI का उपयोग काफी ज्यादा होने लगा है। ऑनलाइन क्लास, ग्रेडिंग सिस्टम, ऑनलाइन परीक्षा आदि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल होने लगा हैं। स्कूल में स्मार्टक्लास रूम बनवाए जा रहे है जहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शिक्षा बच्चों को दी जा रही हैं। यहां तक कि स्कूल में AI रोबोट का भी इस्तेमाल होने वाला है जहां पर शिक्षकों के स्थान पर रोबोट का इस्तेमाल किया जाएगा।

इसके अलावा बच्चों को उनकी मानसिक स्थिति के आधार पर ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही कई सारे ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म/एप्लीकेशन आ चुके है जिनकी मदद से बच्चे खेल खेल में पढ़ना लिखना सीख सकते है। कुल मिलाकर भविष्य में AI आधारित शिक्षा व्यवस्था देखने को हमे मिल सकती है। 

3. Finance

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल आज के समय में सभी औद्योगिक कंपनियां और वित्तीय संस्थाएं Data Analysis करने के लिए करती है क्योंकि पहले उनको वित्तीय निर्णय लेने के लिए Data Analysis करने में काफी वक्त और पैसा जाया करना पड़ता था। लेकिन अब AI प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर की मदद से उनका काम काफी आसान हो गया है। साथ ही किसी भी कस्टमर की समस्या को सुलझाने के लिए Online Chatbots का इस्तेमाल किया जाता है जो AI पर आधारित प्रोग्राम होता है।

4. Manufacturing 

बड़ी–बड़ी औद्यौगिक इकाइयों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किए जाते है जिसकी वजह से बड़ी मात्रा में समय, धन, श्रम और ऊर्जा का उपयोग होता है लेकिन अब इन चारों चीजों की बचत के लिए बड़ी बड़ी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है जो अकेले ही 10 लोगों का काम खुद एक आदेश पर करती है। इससे न सिर्फ समय और श्रम की बचत होती है बल्कि धन और ऊर्जा की भी बचत होती है।

5. Space Research

दुनिया भर में ISRO, NASA और Tesla जैसे स्पेस स्टेशन कंपनियां आए दिन अंतरिक्ष में अपने रॉकेट और मशीन भेजती है ताकि नए ग्रहों और अंतरिक्ष में हो रही हलचल का पता लगाया जा सके तथा नई खोज की जा सके। इस कार्य में सबसे ज्यादा ऑटोमैटिक AI आधारित मशीनों की मदद ली जाती है जो खुद ब खुद स्पेस में जाके नए नए खोज करती है।

6. Our Daily Life

हमारी रोज की जिंदगी में AI का उपयोग भी बढ़ गया हैं। मार्केट में Smart TV, LED, AC, Car, Alexa और यहां ताकि Google में भी AI का उपयोग होता है और भविष्य में इनका उपयोग और ज्यादा बढ़ने वाला है। अतः धीरे धीरे मशीन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी दैनिक जीवन का हिस्सा बनते जा रहे है।


Artificial Intelligence का भविष्य कैसा होगा? 

जिस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हर एक क्षेत्र में किया जा रहा है उसे देखकर यही लग रहा है की भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल लगभग हर एक क्षेत्र में किया जायेगा और अधिक से अधिक कार्य AI आधारित मशीनों के द्वारा किया जायेगा। धीरे धीरे पूरी मानव सभ्यता भी अपने कार्यों के लिए मशीनों पर ही निर्भर हो रही है और समय के साथ साथ यह निर्भरता बढ़ती जायेगी।

जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होगा वैसे वैसे ही मशीनों की कार्यक्षमता में और वृद्धि होगी। आज जिन भी AI मशीनों को कोई भी कार्य करने के लिए हम आदेश देते है उसकी भी जरूरत नही पड़ेगी। समय के साथ मशीनें इतनी ज्यादा Smart और Advance हो जाएंगी की वे खुद ही सारा काम कर लिया करेंगी। उनको किसी तरह के आदेश की जरूरत नही होगी क्योंकि उनके सोचने समझने का स्तर काफी ऊंचा हो चुका होगा।

क्या AI हो सकता है भविष्य के लिए खतरा?

इस पूरे लेख से यह तो साबित हो गया की AI किया तरह हमारे लिए फायदेमंद साबित हो रही है और भविष्य में और कितनी अधिक फायदेमंद हो सकती है लेकिन क्या आपने यह सोचने का प्रयास किया की यह हमारे लिए खतरा भी साबित हो सकतीं है? क्या आपके मन में यह नही आया कि जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनीं हुई मशीन और रोबोट खुद ही सारा कार्य करने लगेंगी तो इंसानों की क्या भूमिका रह जायेगी?

यदि वास्तव में देखा जाए तो जब पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों द्वारा काम होने लगेगा तो इंसानी शरीर और दिमाग दोनों की जरूरत कम होने लगेगी। वैसे ही मशीनों की मौजूदगी ने इंसानों के हाथों से नौकरियों तो छीन ही ली है और आगे भी हमे यह देखने को मिल सकता हैं। इसके साथ एक और खतरा हो सकता है की शायद भविष्य में जब कृत्रिम बुद्धिमता वाले रोबोट का निर्माण होने लगेगा तो शायद वे इंसानों की बाते तक न सुने और खुद इंसानों पर ही अपना प्रभुत्व जमाना शुरू कर दें।

हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि इस बात की बहुत ही ज्यादा आशंका जताई जा रही है की भविष्य में रोबोट इंसानों पर अपना कब्जा जमा सकते है और इंसानों को गुलाम बना सकते है। अतः यह कही न कही बहुत ही चिंता का विषय है। जिस रोबोट फिल्म का हमने उदाहरण भी दिया था उसमे भी आपने जरूर देखा होगा की किस तरह से रोबोट ने उन्हीं इंसानों के प्रति विद्रोह शुरू कर दिया जिन्होंने उनको बनाया था। अतः टेक्नोलॉजी जितनी लाभदायक हो सकती ही उससे कही ज्यादा खतरनाक भी हो सकती हैं।

निष्कर्ष 

आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्ञानवर्धक साबित जरूर हुआ होगा क्योंकि इसमें आज हमने आपको जानकारी दी है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके उपयोग क्या है? साथ हीं हमने जानकारी दी है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार क्या है और इसके फायदे तथा नुकसान क्या है? हमे पूरी उम्मीद है की यह लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। अगर यह आर्टिकल आपको वाकई पसंद आए तो इसे शेयर जरूर करें।

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मैं LogicalDost पर Content Writer हूं। मुझे टेक्नोलॉजी के बारे में नई–नई जानकारियां प्राप्त करना और उसके बारे में सीखना पसंद है। अतः इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी के साथ अपनी जानकारियों को बांटना ही मेरा उद्देश्य है।

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