इस आर्टिकल मे आज हम Excel मे Salary Sheet कैसे बनाते है इसके बारे मे जानेंगे। Salary Sheet को Salary स्लिप भी कहा जाता है, जोकि फाइनैन्स सेक्टर और Company के Account Department मे अधिक Use किया जाता है।

Salary Sheet किसी Company मे खासतौर पर Employee के लिए बनाया जाता है। जिसमे Employee की Basic Salary, DA, HRA, Gross Salary, PF, और Net Salary को Calculate करते है। तो चलिए Excel मे Salary Sheet कैसे बनाते है इसके बारे मे जानते है। लेकिन उसके पहले MS Excel क्या है इसे समझ लेते है।
पेज का इंडेक्स
MS Excel क्या है?
MS Excel एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट Company के दुवारा बनाया गया है। इसका पहला वर्ज़न September 30, 1985 को रिलीज किया गया था। इस सॉफ्टवेयर को खासतौर पर Finance Company या Banks के Financial कार्यों के लिए डिवेलप किया गया है।
MS Excel एक spread Sheet आधारित सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसमे अनेकों सेल्स होते है। ये सभी सेल्स Rows और Columns से मिलकर बने होते है। इसमे गणितीय गणना को पूरा करने के लिए कई सभी Functions भी दिए रहते है, जो की हमारे कॉम्प्लेक्स कार्यों को आसान बानाते है। अधिक जाने–
Excel मे Salary Sheet कैसे बनाए
Excel मे Salary Sheet बनाना आसान है इसके लिए आपको कंप्युटर और Excel के बारे मे बेसिक जानकारी होना जरूरी है। Excel मे Salary Sheet बनाने के लिए मैंने नीचे कुछ सरल स्टेप्स दिए है। आप इन स्टेप्स को फॉलो करके Salary Sheet बना सकते है।
स्टेप 1) सबसे पहले आप MS Excel सॉफ्टवेयर को ओपन करे।
स्टेप 2) उसके बाद आप आप एक New Workbook ओपन करें। ध्यान दे Excel मे नई फाइल को Workbook कहते है।

सटेप 3) इसके बाद आप कॉलम सेल मे EmpID, EmpName, Department, Desiganation, BasicSalary को लिखे और फिर आप अपने अनुसार रो सेल मे इनके वैल्यू को रखे उदाहरण के लिए आप नीचे देख सकते है।

स्टेप 4) उसके बाद आप Presenty और Overtime को कॉलम सेल मे Add करें फिर आप इनके वैल्यू को रो सेल मे दर्ज करे। वैसे तो इसके लिए हम फॉर्मूले का इस्तेमाल करते है, लेकिन सुविधा के लिए आप फिलहाल अपने अनुसार टाइप करें।

स्टेप 5) इसके बाद आप Gross Salary को कॉलम सेल मे दर्ज करें। अब हमें यहाँ एम्प्लोयी की ग्रोस Salary निकालने के लिए एक फार्मूला का इस्तेमाल करना होता है। आपके शर्त के अनुसार अलग हो सकता है लेकिन मेरे शर्त के अनुसार फार्मूला नीचे दिया गया है।
=(E4/26*F4)+G4

नोट: यहाँ मैंने E4 Cell (बेसिक Salary) को 26 से विभाजित किया है ताकि एम्प्लोयी का एक दिन का Salary प्राप्त किया जा सके। मैंने यह माना है की 30 दिन मे 26 दिन एम्प्लोयी को काम करना जरूरी है और 4 दिन Company छूटि (Week Off) दे रही है।
तो ऐसा भी हो सकता है की कोई एम्प्लोयी सिर्फ दो छूटि ले और वह दो दिन एक्स्ट्रा काम करे तो इसलिए मैंने Presenty को एक अलग कॉलम सेल मे ऐड किया है और इसे फिर मल्टप्लाइ कर दिया है।
साथ ही ऐसा भी हो सकता है की कुछ एम्प्लोयी ओवर टाइम (OT) भी करें तो इसलिए मैंने OT से प्राप्त किए गए रुपये को G4 Cell मे ऐड किया है और ऊपर दिया गया फार्मूला मे इसे भी ऐड किया है। तो इस तरह से हमारे पास Gross Salary निकल कर आ जाती है।
स्टेप 6) अब आप कॉलम सेल मे PF X% को दर्ज करे। यहाँ PF का मतलब Provident Fund होता है, जिसे एमपलोए के बेसिक Salary में से कुछ प्रतिशत राशि को काटकर भारत सरकार के खाते मे जमा किया जाता है। PF एक तरह से किसी एम्प्लोयी के लिए फ्यूचर मे धन जमा करने का साधन है।

मैंने अपने शर्त मे PF 10% लिया है, आपके केस मे यह अलग हो सकता है। सामान्य तौर पर जिस Employee की Salary 15, 000 से अधिक होती है उसके लिए Company उसके बेसिक Salary मे से 12% PF जमा करती है। मैंने अपने केस मे PF Amount निकालने के लिए नीचे दिया गया फार्मूला का इस्तेमाल किया है।
=E4*10% (यहाँ E4 Column E सेल मे 4 नो. रो सेल है)
स्टेप 7) अब इस स्टेप मे हम नेट Salary को Find करेंगे। Net Salary निकालने के लिए Gross Salary मे से PF अमाउन्ट को Minus कर दे। मेरे केस मे Net Salary निकालने के लिए फार्मूला नीचे दिया है।
=H4-I4

नोट: Net Salary का मतलब In hand Salary होता है जो आपके बैंक अकाउंट मे Transfer होता है। यह कुल राशि होता है जिसे सभी चीजें जोड़ने और घटाने के बाद आपको फाइनल मिलता है।
स्टेप 8) अब आप ऊपर अपने Company का नेम और अड्रेस लिख सकते है। आप अपने अनुसार उसमे डिजाइन भी कर सकते है। इतना सब कुछ करने के बाद आप प्रिन्ट Preview पर क्लिक करे और अपने Company के फॉर्मैट के अनुसार पेज सेटअप भी कर ले। आप पेज सेटअप कर लेने के बाद इसे PDF मे प्रिन्ट भी कर सकते है।

Excel में Salary Sheet बनाने से क्या लाभ है?
Excel में Salary Sheet बनाने से अनेकों लाभ है। सबसे बड़ा लाभ है की एक नॉर्मल यूजर के लिए Excel Software को इस्तेमाल करना बेहद आसान होता है। इसके लाभ को नीचे दिये गये है-
- यह Easy to Use है, इसलिए इसे इस्तेमाल करना सभी पसंद करते है।
- इसमे कॉम्प्लेक्स गणितीय गणना करने के लिए पहले से बनाए गए Functions दिए गए है, जिसे बस इस्तेमाल कर लेना है।
- इसमे Salary Sheet को डिजाइन करने के लिए बेहतरीन Colors और भी कई सारे फीचर्स दिए गए है। जिसके कारण आप Salary Sheet का इंटरफेस यूजर अट्रैक्टिव बना सकते है।
- यदि हमे Multiple Employees के Salaries को ग्राफिकल रूप मे देखना है तो हम इसमे Graph का इस्तेमाल भी कर सकते है इसके आलवा यदि तुलना करना है तो हम Functions और ग्राफ के मदद से वह भी कर सकते है।
- Excel मे Salary Sheet को कई सारे फॉर्मैट मे Save भी कर सकते है। इसके अलावा आप अनलाइन दूसरे सर्वर पर मौजूद डाटा बेस पर उपस्थित डाटा को अपने लोकल कंप्युटर मे इन्सर्ट कर उस पर भी कार्य कर सकते है।
- आप बनाए गए Salary Sheet को Protect भी कर सकते है। उदाहरण के लिए Read Only Mode ताकि दूसरा कोई उसमे आगे एडिट न कर सके।
निष्कर्ष:
इस आर्टिकल मे आपने Excel मे Salary Sheet कैसे बनाते है इसके बारे मे जाना। Salary Sheet को Salary स्लिप भी कहा जाता है। मैंने आपको Salary Sheet कैसे बनाते है इसके लिए आसान स्टेप्स मे समझाया है। वैसे तो इसके कई सारे फॉर्मैट होते है यह कंपनी के ऊपर निर्भर करता है, फिर भी मैंने आपको एक आसान फॉर्मैट मे सैलरी शीट बनाकर दिखाया है।
Salary Sheet के अलावा आपने इस आर्टिकल में PF: Provident Fund, Gross Salary, Net Salary, CTC: Cost To Company इत्यादि Terms के बारे मे भी जाना। ये सभी Terms, Salary Sheet बनाने से पहले आपको जरूर पता होना चाहिए। किसी भी प्रकार के डाउट या सुझाव के लिए नीचे कमेन्ट जरूर करे।
Salary Sheet बनाने के संबंध मे आपके सवालों के जवाब
PF का पूरा नाम Provident Fund होता है, जिसे Employee के बेसिक Salary में से कुछ प्रतिशत राशि को काटकर भारत सरकार के खाते मे जमा किया जाता है।
यह केंद्र सरकार के द्वारा जारी किया गया एक अभियान है जिसे किसी Employee के फ्यूचर धन राशि के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन Employee इसे 6 Months के बाद भी निकाल सकते है।
PF मुख्यतः दो प्रकार के होते है-
1. Employee PF: इसका मतलब यह है की Employee की बेसिक Salary मे से कुछ प्रतिशत जैसे उदाहरण के लिए 12% काट कर उसे गोवर्मेंट अकाउंट मे जमा किया जाता है। इस रुपये को Employee फ्यूचर मे इस्तेमाल कर सकता है।
2. Employer PF: इसका मतलब यह है की जितना %PF अमाउन्ट Employee के Salary मे से काटा जाता है उतना ही % अमाउन्ट Company के दुवार कन्ट्रिब्यूट किया जाता है यह Salary भी गोवर्मेंट के अकाउंट मे जमा किया जाता है।
Gross Salary सभी प्रकार से प्राप्त धन राशि का योग होता है। Gross Salary मुख्यतः Basic + DA + TA + HRA होता है। जिसे नीचे दिया गया है।
Gross Salary = Basic Salary + DA + TA + HRA
यहाँ: Basic Salary एक Fixed मिनमम Amount होता है जो Company आपको 1 Month मे पेमेंट करती है। DA का मतलब Dearness Allowance होता है, TA का मतलब Travel Allowance होता है और HRA का मतलब House Rent Allowances होता है।
Net Salary कुल Salary होता है जोकी आपको फाइनली सभी कुछ काटने-छटने के बाद अकाउंट मे Transfer किया जाता है। यह ग्रोस Salary मे से (PF+PT) का अंतर होता है, जिसे नीचे दिया गया है।
Net Salary = Gross Sal – (PF+PT)
यहाँ: PT का मतलब Provident Tax होता है।
CTC का पूरा नाम Cost To Company होता है।
यह किसी Company के दुवारा एक एम्प्लोयी पर खर्च किए गए एक साल मे Direct और Indirect Expenses का Record यानि कुल रुपया होता है। उदाहरण के लिए CTC= 4.5 लाख, तो इसमे Company आपको इसका 90% तक ग्रोस Salary दे सकती है और 60% तक Basic Salary दे सकती है।
किसी स्किल्ड या टेक्निकल Employee की CTC मे LTA = Leave Travelling Allowance, Medical Allowance And ESIC तथा Bonus इत्यादि भी मिल जाते है।
Basic Salary Company के तरफ से एक महिना (26 Working Days) मे दिया गया एक Fixed Amount होता है। यह आपको Company के नॉर्मल टाइम-टेबल के अनुसार कार्य करने पर In hand या डायरेक्ट खाते मे Transfer कर दिया जाता है। Basic Salary को Fixed Salary भी कहा जाता है।
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