Digital Signature क्या है; डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनाएं

हम सभी हर रोज़ किसी न किसी कार्य के लिए signature करते ही हैं। School, college, office आदि के कार्य के लिए हमे कागज़, या फिर जरूरी दस्तावेज पर सिग्नेचर करना पड़ता है। Signature का अर्थ है, हस्ताक्षर अर्थात यह हस्ताक्षर, कागज़ पर लिखा हुआ बातों में आपका सहमति सांझा करता है।

Digital Signature Kya Hai

अब कोई व्यक्ति आपकी सहमति का गलत फायदा उठाने के लिए आपके सिग्नेचर का नकल कर सकता है। इस तरह के फ्रॉड को दूर करने के लिए Digital Signature का इस्तेमाल किया जाता है। तो क्या आप जानते है Digital Signature Kya Hai यदि नहीं तो यह पोस्ट आप सभी के लिए बहुत उपयोगी होने वाला है क्यों की इस पोस्ट पर हमने डिजिटल सिग्नेचर के बारे में पूरे विस्तार में बताया है।

Digital Signature क्या है 

Digital signature एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा software की सहायता से किसी भी डॉक्यूमेंट की digitally verification किया जा सकता है। जैसे आप ऑफलाइन में किसी भी दस्ताबेज की वेरिफिकेशन करते वक्त सिग्नेचर करते हैं अर्थात, इससे पता चलता है कि निर्धारित डॉक्यूमेंट आपका ही है। ठीक वैसे ही ऑनलाइन में किसी भी डॉक्यूमेंट की वेरिफिकेशन करने के लिए आपको Digital Signature की जरूरत होती है। 

सरल भाषा में बोला जाए तो डिजिटल फॉर्मेट में किए जाने वाला सिग्नेचर को ही Digital Signature कहा जाता है। डिजिटल सिग्नेचर एक सुरक्षित digital key है जहा signer यानी आपका डिटेल जैसे आपक नाम, पता, जन्म तारीख, Aadhaar Card, PAN Card की डिटेल उपलब्ध रहेता है। Digital Signature का सिर्फ 2 से 3 साल तक का Validity रहेता हैं इसके बाद, इसे renew करना पड़ता है। 


Digital Signature कैसे बनाया जाता है 

Digital Signature क्या है यह तो आप जान गए हैं अब सवाल आता है कि Digital Signature कैसे बनाए तो चलिए इसका उत्तर जान लेते है Digital Signature Certified Authority के द्वारा प्राप्त किया जाता है, बर्तमान में सभी सरकारी कार्य Online किया जाता है, जिस कारण सभी डॉक्यूमेंट की वेरीफिकेशन ऑनलाइन ही करना पड़ता है। 

ऑनलाइन में Document वेरिफिकेशन के लिए डिजिटल सिग्नेचर का होना अनिवार्य है। CA (Certified Authority) एक सेवा प्रदानकारी कम्पनी है जो डिजिटल सिग्नेचर प्रदान करता है, उसे निर्धारित समय में renew करता है।  Digital signature बनवाने के लिए आपके पास कुछ डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है। डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करने के लिए आपको कुछ Fees भी देना पड़ता है।


Digital Signature कैसे काम करता है

हम कागज़ के उपर जो साइन यानी हस्ताक्षर करते हैं, डिजिटल सिग्नेचर बिलकुल वैसा ही एक हस्ताक्षर है जो की डिजिटल फॉर्मेट में किया जाता है। कागज़ पर जैसे सभी के सिग्नेचर अलग अलग होते हैं, ठीक वैसे ही डिजिटल फॉर्मेट में भी सभी के सिग्नेचर अलग अलग होता है यह Public Key Cryptography Technology पर आधारित है, इस प्रक्रिया को Cryptography कहेते है। 

डिजिटल सिग्नेचर में दोनों key का इस्तेमाल होता है Private Key और Public Key। जब आप यानी signer किसी भी डॉक्यूमेंट पर डिजिटल माध्यम से सिग्नेचर करते है तब वहां Private Key का इस्तेमाल होता है इससे वह सिग्नेचर किया हुआ डॉक्यूमेंट encrypted हो जाता है अर्थात, यह डॉक्यूमेंट सम्पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाता है।

अब आता है Public Key की बात, अगर आप encrypted document को पढ़ना चाहते हैं तब आपके Public Key का होना जरूरी है जिससे डॉक्यूमेंट को discrypt किया जा सके। ऐसे ही Private Key और Public Key के द्वारा ही डिजिटल सिग्नेचर कार्य करता है।   


Digital Signature Certificate क्या है

Digital Signature के बारे में तो आप जानकारी प्राप्त कर चुके है अब सवाल आता है Digital Signature Certificate क्या है तब बता दें कि Digital signature Certificate एक पासवर्ड है जो, Certified Authority द्वारा प्रदान किया जाता है। यह सर्टिफिकेट PKI(Private Key Infrastructure) का उपयोग करके व्यक्ति, संगठन को ऑनलाइन में सुरक्षित रूप से data transfer करने की अनुमति देता है।

डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट को Public Key Certificate भी कहा जाता है। इस सर्टिफिकेट में यूजर का डिटेल यानी नाम, पता, ईमेल एड्रेस, सर्टिफिकेट जारी करने का तारीख, और प्राधिकारी के नाम आदि रहेता है। Digital Signature Certificate का मुख्य कार्य है ऑनलाइन में होने वाला सभी ट्रांजैक्शन के इनफॉर्मेशन एक्सचेंज को हाई लेबल security प्रदान करना।


Digital Signature Certificate का इस्तेमाल

Digital Signature Certificate के बारे में तो आप जान गए है अब यदि Digital Signature Certificate का इस्तेमाल कहां किया जाता है के बारे में बताएं तो आमतौर पर, सभी सरकारी कार्य के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया जाता है और भी कई क्षेत्र में डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया जाता है जैसे – 

  1. सरकारी टेंडर में E-filing के लिए DSC (Digital Signature Certificate) का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. GST Return फाइल करने के लिए DSC का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके Contract और agreement में electronically signature किया जाता है।
  1. Employees Provident Fund रिटर्न फाइल करने के लिए DSC का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. Income Tax Return करने में भी डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. Company Incorporation, Trademark, Copyright Application के e-filing के लिए DSC का इस्तेमाल किया जाता है।
  1. Chartered Accountant, Cost Accountant, और Company Secretary द्वारा e-attestation करने के लिए भी डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट का ज़रूरत होता है।

Digital Signature Certificate के प्रकार

Digital Signature Certificate मुख्य रूप से तीन प्रकार के होता है, इसके बारे में हमने नीचे बताया है –

1) Class I DSC

Class I DSC अर्थात, Class I Digital Signature Certificate द्वारा email identification को प्रमाणित किया जाता है। इस प्रकार के सर्टिफिकेट को किसी भी व्यक्ति के उपर जारी किया जाता है।

2) Class II DSC

Digital Signature Certificate के इस भाग का प्रयोग Ministry of corporate affairs, Sales Tax, Income Tax Department में ऑनलाइन form fill up करने के लिए किया जाता है। Class II DSC पर्सन और बिजनेस के उपर जारी किया जाता है। इसके द्वारा, personal database identification को प्रमाणित किया जाता है।

3) Class III DSC

Online trading, E-commerce में identification को प्रमाणित करने के लिए Class III DSC का इस्तेमाल किया जाता है। यह Certified Authority द्वारा जारी किया गया सबसे सुरक्षित Digital Signature Certificate है। 

इसमें आवेदन किए हुए व्यक्ति को Registration Authority के सामने अपना पहचान साबित करना होता है जिस कारण इस प्रकार का Certificate बहुत सुरक्षित होता है।


Digital Signature से जुड़े FAQ

1) Digital Signature क्या है?


Digital फॉर्मेट में किया गया Signature को ही Digital Signature कहा जाता है। इसके द्वारा किसी भी जरूरी डॉक्यूमेंट की पुष्टि की जा सकती है।

2) Digital Signature Certificate कितने प्रकार का होता है?


Digital Signature Certificate मुख्यत तीन प्रकार का होता है Class I DSC, Class II DSC, Class III DSC।

3) Digital Signature का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?


Online कार्य, किसी भी बिजनेस में कस्टमर और सेलर, business partners के बीच किसी भी डॉक्यूमेंट को लेकर विश्वास बढ़ाने के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाता है।


सारांश

आज के इस पोस्ट पर हमने Digital Signature क्या है के बारे में पूरे विस्तार में बताया है। हमें उम्मीद है आज के ईस ब्लॉग पोस्ट को पढ़कर आप ज़रूर जान गए होंगे कि Digital Signature क्या है, Digital Signature कैसे बनाया जाता है।

यदि इस पोस्ट को पढ़कर आपके मन में Digital Signature से संबंधित कोई सवाल है, तो आप बेझिझक नीचे कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके हमें पूछ सकते हैं। अगर आपको लगे की यह पोस्ट आप सभी के लिए उपयोगी है, तब आप Logicaldost के और भी कई पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

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