आज हर किसी के पास मोबाईल व इंटरनेट जैसी कई तरह की टेक्नॉलजी है, आज हमे शायद ही कभी इस बात का अहसास होता होगा की आज से 50-100 सालों पहले इस तरह की टेक्नोलॉजी नहीं थी, आज टेक्नॉलजी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है पर जब पहली बार कोई उपकरण बनता है तो उसे काफी समय लगता है। इस ब्लॉग पोस्ट मे आप Motorola के बारे मे विस्तार से जानोगे।
मोटोरोला कंपनी मोबाइल फोन की दुनिया मे इसलिए भी बहुत खास है क्योंकि इसी ने दुनिया का सबसे पहला पोर्टेबल (जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया सके) मोबाइल फोन बनाया था। Motorola कंपनी का इतिहास और सफर काफी दिलचस्प रहा है।
मोबाईल फोन की जरूरत आज एक 10 साल के बच्चे को भी होती है अब चाहे वो ऑनलाइन क्लास लेने के लिए हो या फिर मनोरंजन के लिए, स्मार्टफोन सबकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। लोगों की इसी जरूरत को ध्यान मे रखते हुए मल्टीनैशनल कंपनीया हर बड़े मार्केट मे अपनी सेवाए देना चाहती है जैसे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है।
Motorola किस देश की कंपनी है?
मोटोरोला अमेरिका की एक मल्टीनेशनल टेलिकम्यूनिकेशन कंपनी थी जो बाद मे 2 अलग अलग कंपनियों Motorola Mobility व Motorola Solutions मे बदल गई जिसके बाद Motorola Inc का नाम बदलकर Motorola Solutions रख दिया गया, साल 2012 मे मोटोरोला मोबिलिटी कंपनी को Google ने खरीद लिया और बाद मे 2014 मे गूगल से इस कंपनी को चाइना की Lenovo कंपनी ने खरीद लिया।
Lenovo द्वारा Google से Motorola Mobility खरीदे जाने के बाद मोटोरोला मोबिलिटी एक चाइनीज कंपनी हुई, मोटोरोला मोबिलिटी मोबाईल फोन व कन्सूमर इलेक्ट्रॉनिक बनाने का काम करती है।
मोटोरोला कंपनी की शुरुआत 25 सितंबर 1928 मे हुई थी, जब कंपनी बनी थी तो इसे Galvin Manufacturing के नाम से जाना जाता था कंपनी का पहला प्रोडक्ट बैटरी eliminator था, इसके बाद कंपनी ने रेडियो के साथ साथ कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने शुरू किए।
1984 मे मोटोरोला कंपनी ने दुनिया का सबसे पहला फोन बनाया जिसे पूरी तरह से हाथ मे लेकर कॉल की जा सकती थी इस फोन का वजन 1 किलो से ज्यादा था, इस फोन की कीमत आज के हिसाब से 10,000 अमेरिकी डॉलर यानि की लगभग 7 लाख रुपए थी।
मोटोरोला कंपनी के संस्थापक कौन है?
Motorola कंपनी की स्थापना Paul Galvin व Joseph Galvin दो भाइयों ने 25 सितंबर 1928 मे एक दिवालिया हुई कंपनी के बैटरी एलिमिनेटर प्लान व मैन्युफैक्चरिंग उपकरण को नीलामी मे खरीद कर की थी उन्होंने पहले इसे 750 अमेरिकी डॉलर मे खरीदा और एक किराये पर छोटी सी जगह मे अपनी कंपनी शुरू की।
कंपनी रजिस्टर कराने जैसे कामो को पूरा करने के बाद इनके पास केवल 565 डॉलर बचे थे, उस समय कंपनी को Galvin Manufacturing के नाम से शुरू किया गया था बाद मे कंपनी का एक रेडियो जिसका नाम Motorola था बहुत प्रचलित हुआ जिसके बाद कंपनी का नाम ही Motorola रख दिया गया।
सारांश
यहा आपने मोटोरोला कहा की कंपनी है इसके बारे मे जाना, मोटोरोला के फोन एक जमाने मे बहुत इस्तेमाल किये जाते थे, मोटोरोला ने पहला पोर्टेबल फोन बनाकर सबका दिल जीत लिया था लेकिन जब स्मार्टफोन का जमाना आया तो मोटोरोला चाइनीज ब्रांड के सामने ज्यादा दिन तक चल नहीं पाया।
यही बड़ा कारण है की लेनोवो ने मोटोरोला को खरीदा, क्योंकि चाइना मे बहुत की कम कीमत पर एक अच्छा फोन बनाया जा सकता है पर अमेरिका मे ऐसा करना मुमकिन नहीं है।
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