आज के modern technology के समय इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में प्रचलित एक बहुत उपयोगी डिवाइस का नाम है Printer, कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि डिवाइस में क्रिएट किया गया किसी भी File या फिर डॉक्यूमेंट, फोटो, ज़रूरी दस्तावेजों को प्रिंट करने के लिए हम प्रिंटर का उपयोग करते है।

प्रिंटर मशीन की structure और इसका उपयोग तो आप सभी ज़रूर जानते होंगे। परन्तु, प्रिंटर के विषय में सम्पूर्ण जानकारी रहेना भी ज़रूरी है। तो क्या आप जानते है Printer Kya Hai; कितने प्रकार के होते है आदि यदि नहीं तो यह पोस्ट आप सभी के लिए बहुत उपयोगी होने वाला है।
पेज का इंडेक्स
- Printer क्या है
- प्रिंटर का संक्षिप्त इतिहास
- Printer कितने प्रकार के होते है
- 1. Impact Printer(इंपैक्ट प्रिंटर)
- Line Printer
- 2. Non Impact Printer(नॉन इंपैक्ट प्रिंटर)
- 3. 3D Printer
- प्रिंटर कैसे काम करता है
- Laser printer और Inkjet printer में अंतर।
- Impact और Non Impact Printer में अंतर।
- FAQ (Printer से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न उत्तर)
Printer क्या है
Printer एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस है जिसके जरिए कंप्यूटर या फिर स्मार्टफोन में क्रिएट किया गया फाइल व डॉक्यूमेंट अर्थात, digital data को कागज़ में छापा जाता है, इसे प्रिंटिंग कहेते है।
अर्थात, प्रिंटर एक ऐसा output device है जिसके जरिए कंप्यूटर व अन्य डिवाइस के softcopy को प्रिंटेड कॉपी अर्थात, hardcopy में परिवर्तन किया जा सकता है। प्रिंटर के द्वारा black and white और Color दोनों तरह का ही प्रिंटिंग होता है। और, प्रिंटर मशीन बहुत अच्छा होने से कागज पर प्रिंट भी बहुत अच्छा ही होता है यानी, printer की गुणवत्ता उसकी प्रिंटिंग क्वालिटी के उपर निर्भर करता है।
प्रिंटर का संक्षिप्त इतिहास
केमब्रिज यूनिवर्सिटी के गणित विषय का अध्यापक तथा कंप्यूटर के जनक माननीय Charles Babbage ने 19 वीं शताब्दी में सर्वप्रथम कंप्यूटर प्रिंटर का डिजाइन किया था। मगर, यह डिजाइन सही से बन नहीं पाया। इसके बाद, चेस्टर कार्लसन ने सन 1938 में प्रिंटर का आविष्कार किया। फिर, जापान के Epson कंपनी ने सन 1968 में पहेला electronic printer machine का आविष्कार किया जिसका नाम था EP-101।
यह मशीन शुरुआती दौर पर typewriter और teletype मशीन जैसा काम करता था अर्थात, इन दोनों मशीन का संकर मशीन था EP-101। अब जितना समय बड़ता गया उतनी ही तेज़ी से बढ़ती गई कंप्यूटर की उपयोगिता। इसके साथ संगतता रखते हुए प्रिंटर मशीन की गति बृद्घि का मांग बढ़ गया। जिस कारण प्रिंटर सिस्टम की विकास के उपर कार्य किया गया।
और, सन 1984 में HP LaserJet का आविष्कार हुआ। मगर, सन 2000 तक इस प्रिंटर का उपयोग थोड़ा कम हो गया था क्यों की, तब तक इंटरनेट परिसेवा पूरे विश्व में प्रचलित हो गया था जिस कारण, तब प्रचलित प्रिंटर में और भी नवाचार लाने की ज़रूरत परि। फिर, सन 2010 में 3D प्रिंटर का आविष्कार हुआ जो सभी उपयोगकारी का आकर्षण बन गया। परन्तु, वर्तमान समय में ज़्यादातर उन्नत गुणवत्ता संपन्न LaserJet printer का ही इस्तेमाल होता है।
Printer कितने प्रकार के होते है
अब तक इस पोस्ट के माध्यम से आप Printer क्या है; और प्रिंटर का इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त किए है। परन्तु, अब सवाल आता है कि Printer Kitne Prakar Ke Hote Hai। इसके, उत्तर में बता दें कि प्रिंटर मुख्य रूप से दोनों प्रकार का होता है तथा- Impact Printer और Non Impact Printer।
और, वर्तमान समय में 3D Printer का भी प्रचलन शुरू हो गया है, जिस कारण 3D Printer को प्रिंटर का और एक मुख्य प्रकार माना जाता है। सिर्फ यही नहीं इन सभी प्रिंटर के अन्तर्गत और भी कई सारे प्रिंटर है जिसके बारे में आप सभी को सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए हमने नीचे एक लिस्ट का प्रदर्शन किया है जैसे
- Impact Printer
i) Character Printer
- Dot matrix printer
- Daisy Wheel printer
ii) Line Printer
- Drum Printer
- Band Printer
- Chain Printer
- Non Impact Printer
i) Inkjet Printer
ii) Laserjet Printer
iii) Thermal Printer
- Direct Thermal Printer
- Thermal Transfer Printer
3. 3D Printer
उपर में बताए गए सभी प्रकार के प्रिंटर के बारे में हमने नीचे विस्तार से बर्णन किया है, तो चलिए शुरू करते है।
1. Impact Printer(इंपैक्ट प्रिंटर)
Impact Printer में ink ribbon का इस्तेमाल होता है। इस प्रकार के प्रिंटर के सहायता से एक सफेद कागज़ के उपर ink ribbon के द्वारा ही प्रिंट किया जाता है। ऐसे ही एक इंपैक्ट प्रिंटर का एक उदाहरण है typewriter।
जैसे कि आपने पहले ही पढ़ा की इंपैक्ट प्रिंटर दो प्रकार का होता है तथा –
- Character Printer
इस प्रकार का प्रिंटर character अर्थात, अक्षर छापने में सहायता करता है। Character printer एक समय में सिर्फ एक ही character यानि अक्षर को प्रिंट कर सकता है। इसके द्वारा सिर्फ अक्षर ही प्रिंट होता है, photo व graphics प्रिंट नहीं किया जा सकता है। और, वर्तमान समय में इस प्रकार के प्रिंटर का उपयोग नहीं होता है।
- Dot Matrix Printer
इस प्रिंटर के ज़रिए प्रिंट करते वक़्त प्रिंटर का इंक रिबन पेपर से टकराता है और पेपर में अक्षर प्रिंट हो जाता है। यह प्रिंटर एकदम typewriter मशीन की तरह है।

- Daisy Wheel Printer
Daisy Wheel Printer में एक metal wheel रहता है अर्थात धातु का पहिया रहता है। जिसके प्रत्येक कोने में character यानि अक्षर स्थित रहेता है। प्रिंट करते वक़्त जब यह wheel घूमता है तब ink ribbon प्रिंटर मशीन की hammer के साथ टकराता है और, पेपर में अक्षर प्रिंट हो जाता है।

Character Printer के अन्तर्गत इस प्रिंटर के जरिए भी सिर्फ अक्षर ही प्रिंट होता है। इसके जरिए एक सेकंड में 10 से 50 तक का character किया जा सकता है।
Line Printer
Line Printer भी एक इंपैक्ट प्रिंटर है। और, इसके नाम से यह समझ में आ रहा है कि इसके जरिए सिर्फ एक अक्षर नहीं पल्की एक पूरा लाइन ही प्रिंट किया जा सकता है। Line printer एक बार में एक पूरा पन्ना प्रिंट कर सकता है। यह बहुत उच्चगति संपन्न प्रिंटर है जो, 1200 से लेकर 6000(LPM यानि Line Per Minute) तक लाइन प्रिंट सकता है।
- Drum Printer
Line printer के अन्तर्गत एक प्रकार का प्रिंटर है Drum printer। इस प्रिंटर में drum, प्रिंटिंग कार्य में सहायता करता है। यहां ड्रम के surface में character यानि अक्षर रहेता है। अर्थात, ड्रम के एक band में प्रत्येक अक्षर का एक समूह होता है। और, ऐसे ही band का समूह के द्वारा मशीन का ड्रम तैयार होता है।
एक सफेद कागज के उपर प्रिंट करते वक़्त यह ड्रम बहुत तेज़ी से घूमता है और drum का hammer सामने रख्चा हुआ पेपर से टकराता है ऐसे ही पेपर में आसानी से प्रत्येक अक्षर प्रिंट हो जाता है। इस प्रिंटर में ड्रम का प्रति एक घूर्णन संपन्न होने से एक line प्रिंट हो जाता है।
- Band Printer
Band Printer में प्रिंट बैंड के रूप में एक स्टील का band रहेता है। जिसके जरिए कागज पर प्रिंट करते वक़्त मशीन का hammer पेपर से टकराता है और, कागज़ पर अक्षर प्रिंट हो जाता है।
- Chain Printer
Chain Printer में एक print chain रहेता है। इस Chain में अक्षर छपे होते है। और, यहां प्रत्येक प्रिंट पोजिशन में एक hammer रहेता है। इस प्रिंटर के ज़रिए पेपर के उपर प्रिंट करते वक़्त प्रिंट चैन तेज़ी से घूमता है और, hammer पेपर से टकराता है। जिससे आसानी से पेपर में line print हो जाता है।
2. Non Impact Printer(नॉन इंपैक्ट प्रिंटर)
Non Impact Printer में इंपैक्ट प्रिंटर के तुलना में बहुत उन्नत तरीके से प्रिंट होता है। Inkjet, thermal, और laser का इस्तेमाल करके यहां प्रिंट किया जाता है। इस प्रकार के प्रिंटर के जरिए सिर्फ character ही नहीं पल्की graphics भी प्रिंट किया जा सकता है। वर्तमान समय में इस तरह के प्रिंटर का ही उपयोग किया जाता है। नॉन इंपैक्ट प्रिंटर तीनों प्रकार का होता है जिसके बारे में हमने नीचे बताया है।
i) Inkjet Printer
इस तरह के नोन इंपैक्ट प्रिंटर में liquid ink का इस्तेमाल किया जाता है। Inkjet printer के जरिए प्रिंट करते वक़्त प्रिंटर मशीन की nozzle से ink spray होने के माध्यम से पेपर में ग्राफिक्स और अक्षर प्रिंट होता है।

school, college, office, organization में इस तरह के प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है।
ii) LaserJet Printer
लेजर प्रिंटर लगभग xerox machine की तरह काम करता है। इस प्रिंटर में dry ink का उपयोग किया जाता है। इस मशीन के ज़रिए प्रिंट करते वक़्त कागज़ जब प्रिंटर के ड्रम से गुजरता है तब टोनर के इंक की सहायता से पेपर के उपर ग्राफिक्स और अक्षर प्रिंट होता है।

इस प्रिंटर का प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत उन्नत है। और, वर्तमान समय में laserjet printer का हीं उपयोग किया जाता है।
iii)Thermal Printer
Thermal Printer एक नॉन इंपैक्ट प्रिंटर है। इस प्रिंटर में डिजिटल प्रक्रिया से प्रिंट होता है। Thermal printer के जरिए कोटेड थरमोक्रोमिक्स पेपर में इमेज प्रिंट किया जाता है।

इस प्रिंटर के द्वारा प्रिंट करते वक़्त जब प्रिंटर हेड कागज़ के उपर से गुजरता है, तब कागज पूरा काला हो जाता है और, कागज़ का जो जगह हिट के कारण गरम हो जाता है वहां, इमेज प्रिंट होता है।
इस प्रक्रिया में पेपर गरम हो जाने से मशीन दोनों अलग अलग रंग यानि काला रंग और एक अतिरिक्त रंग का प्रिंट करता है। थर्माल प्रिंटर भी दोनों प्रकार का होता है जैसे।
- Direct Thermal Printer
Direct Thermal Printer में ribbon का इस्तेमाल नहीं होता है। यहां रासायनिक प्रक्रिया किया हुआ एक पेपर का इस्तेमाल किया जाता है जो, प्रिंटर हेड द्वारा गर्म होने से इमेज को प्रिंट करता है।
रशीद और लेबल्स प्रिंट करने के लिए इस प्रकार के प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। इस प्रिंटर में इस्तेमाल होने वाला रासायनिक पेपर को Thermosensitive paper बोला जाता है जिस पर किया हुआ प्रिंट यानि ग्राफिक्स मात्र 50 दिन तक ही रहेता है।
- Thermal Transfer Printer
Thermal transfer printer में ribbon का उपयोग किया जाता है। यह रिबन wax, resin जैसे सामग्री से बना होता है। इस प्रिंटर में thermal print head के जरिए रिबन से solid ink को लेबल सप्लाई पर ट्रांसफर किया जाता है।
3. 3D Printer
इस पोस्ट के द्वारा आपने अब तक जितने भी प्रिंटर के बारे में जाना वह सभी प्रिंटर ही 2D प्रिंटर था। परन्तु, अब हम बताएंगे 3D प्रिंटर के बारे में। यह प्रिंटर इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में बहुत उन्नत और मॉडर्न आविष्कार है। 3D प्रिंटर सन 1984 में चेक हल द्वारा आविष्कार किया गया था। यहां पॉलिमर, प्लास्टिक, मिश्र धातु आदि का इस्तेमाल किया जाता है। 3D प्रिंटर होने के कारण इसका प्रिंटिंग क्वालिटी भी बहुत उन्नत है।
उपर बर्णन किए गए लगभग सभी प्रिंटर के बारे में तो आपने जानकारी प्राप्त कर लिया है। परन्तु, Dot Matrix, Inkjet और LaserJet प्रिंटर के बारे में और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको Computer Hardware की लेख को अच्छे से पड़ना होगा।
प्रिंटर कैसे काम करता है
जब कोई document या file को हम प्रिंट करते है तब, हम प्रिंटर मशीन को इंफॉर्मेशन देते है और मशीन झट से प्रिंट कर देता है। मगर, प्रिंटर मशीन का काम क्या इतना ही आसान है। अब तो मन में ज़रूर यह सवाल आ गया होगा की आखिर ये प्रिंटर काम कैसे करता है।
इसके उत्तर में बता दें कि प्रिंटर का कार्य उतना भी आसान नहीं जितना हमे एक प्रिंटर की कार्य गति देख कर लगता है। एक कागज़ पर लेख, चित्र को प्रिंट करने के लिए प्रिंटर मशीन में स्थित सभी छोटे छोटे मशीन और वायर को साथ मिलकर कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। तो चलिए जान लेते है उन प्रक्रियाओं के बारे में।
- सबसे पहले, जब हम प्रिंटर मशीन में किसी भी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने का निर्देश देते है
तब वह निर्देश प्रिंटर के micro controller रिसीव करता है।
- इसके बाद, प्रिंटर के माइक्रो प्रोसेसर उस निर्देश को अच्छे से चैक करता है जैसे डॉक्यूमेंट में कितने पेज है, प्रत्येक लाइन की alignment, image की पोजिशन आदि।
- Micro processor द्वारा चैकिंग के बाद, प्रिंट मशीन मे स्थित कोरोना वायर active हो जाता है और साथ ही प्रिंटर के ड्रम को charge करता है।
- प्रिंटर मशीन में एक laser bin रहेता है। ड्रम एक्टिव होने के बाद, यह लेजर बिन भी एक्टिव हो जाता है।
- लेजर बिन एक्टिव होने के बाद, micro processor द्वारा चैक किया गया इंफॉर्मेशन(जो उपयोगकर्ता यानि हमने प्रिंटर मशीन को दिया था) को लेजर में डालके ड्रम के उपर इंफॉर्मेशन का mirror image create करता है। यानि नेगेटिव चार्ज करता है।
Mirror image यानि आप किसी भी लेख को एक पेपर में सीधा देख रहे है। पर, मिरर इमेज में उसे आप उल्टा देखेंगे।
- मिरर इमेज क्रिएट करने के बाद, मशीन का toner एक्टिव हो जाता है। और, साथ में ड्रम भी rotate होता है। ऐसे ड्रम रोटेट होने से नया इंक प्रिंट होता रहेता है। इस तरीके से toner पेपर को उठाता है और पेपर आगे बढ़ता जाता है।
तब पेपर में नेगेटिव चार्ज होता रहेता है । और, साथ ही मशीन में स्थित कोरोना वायर पेपर में positive charge क्रिएट करता है। जिस कारण, सभी लेख और इमेज पेपर में सीधा प्रिंट होता है।
परंतु, प्रिंटिंग की प्रक्रिया अभी संपन्न नहीं हो जाती है। क्यों, की अब तक पेपर में जो प्रिंट हुआ है वह permanent print नहीं है पल्की उस प्रिंट को permanent करने के लिए मशीन में एक हिटर रहेता है। जो, इंक को हिट यानि गर्म करता है और इससे पेपर में आसानी से ही इंक चिपक जाता है और ऐसे ही पेपर में permanent printing संपन्न होता है।
ध्यान दें
“Printer machine में इंफॉर्मेशन प्रदान करने के बाद, यदि आप प्रिंटर के प्लग खोल दें तब भी प्रिंटर काम करता रहेगा क्यों की आपके द्वारा दिए गए निर्देश प्रिंटर मेमोरी में सेव हो जाता है जिस कारण प्रिंटर आसानी से कार्य कर पाता है।”
Laser printer और Inkjet printer में अंतर।
Laser Printer | Inkjet Printer |
लेजर प्रिंटर में dry ink का इस्तेमाल होता है। | Inkjet प्रिंटर में liquid ink का इस्तेमाल किया जाता है। |
इस प्रिंटर में सिर्फ एक ही टोनर का इस्तेमाल होता है। | इस प्रिंटर में दोनों टोनर का इस्तेमाल होता है। |
Laser printer बहुत एक्सपेंसिव है। | Inkjet printer सस्ता होता है। |
Impact और Non Impact Printer में अंतर।
Impact Printer | Non Impact Printer |
1. इस प्रिंटर के जरिए प्रिंट करते वक़्त प्रिंटर हेड कागज़ को स्पर्श करता है। | इस प्रिंटर के जरिए प्रिंट करते वक़्त प्रिंटर हेड कागज़ को स्पर्श नहीं करता। |
2. इंपैक्ट प्रिंटर के द्वारा प्रिंट करते समय बहुत noise होता है। | Non impact printer के द्वारा प्रिंट करते समय किसी भी noise का सृष्टि नहीं होती है। |
3. इस प्रिंटर का printing quality बहुत खराब होता है। | इस प्रिंटर का प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत उन्नत होता है। |
4. Graphics print करने के लिए इंपैक्ट प्रिंटर योग्य नहीं है। | Graphics print करने के लिए नॉन इंपैक्ट प्रिंटर एकदम योग्य है। |
FAQ (Printer से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न उत्तर)
3D प्रिंटर का एक मुख्य लाभ है कि यह प्रिंटर बहुत प्रभावी है और उच्च गुणवत्ता संपन्न है।
3D प्रिंटर उपयोगकर्ता को किसी भी ऑब्जेक्ट की 3D प्रिंटिंग प्रदर्शित करता है।
नुकसान-
3D प्रिंटर का सबसे बड़ा नुकसान यह है की इस प्रिंटर का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत होती है
Printer का पूरा नाम है Paper Roll Ink New Tray Everyone Run है
Printer एक आउटपुट डिवाइस है और scanner एक इनपुट डिवाइस है। इसके अलावा Printer के ज़रिए document यानि दस्तावेजों को प्रिंट किया जा सकता है। और, scanner दस्तावेजों को स्कैन करता है यानि डॉक्यूमेंट को डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है।
Multi functional printer का मतलब है कि इस प्रिंटर के जरिए जैसे किसी भी डॉक्यूमेंट को प्रिंट किया। जा सकता है थिक वैसे ही डॉक्यूमेंट को स्कैन, फैक्स किया जा सकता है। जिस कारण इसे All in one printer भी कहा जाता है।
प्रिंटर एक कंप्यूटर के साथ Printer Cable की सहायता से जुड़ा रहेता है।
सारांश
आज के इस पोस्ट पर हमने Printer के बारे में पूरे विस्तार में बताया है। हमें उम्मीद है आज के इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़कर आपको जरूर Printer के बारे में सम्पूर्ण जानकरी प्राप्त हो गई होगी।
यदि इस पोस्ट को पढ़कर आपके मन में Printer से संबंधित कोई सवाल है, तो आप बेझिझक नीचे कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके हमे पूछ सकते है।
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