Cyber Crime क्या है; Cyber Crime कितने प्रकार के होते है?

टेक्नॉली और इंटरनेट का आज हर एक इंसान इस्तेमाल करने लगा हैं। पर क्या आपको इस बात का जरा सा भी अंदाजा है जिस प्रकार हमारे सामान्य जीवन में कई सारे अपराध होते है ठीक उसी प्रकार इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी होते हैं। हम जिस अपराध के बारे में आपको आज इस लेख से अवगत करवाने वाले है वो है साइबर क्राइम। Cyber Crime क्या है और कैसे इससे बचा जा सकता है इसके बारे में आपका जानना अत्यंत जरूरी है।

cyber crime kya hai

इंटरनेट और टेक्नोलॉजी आज हमारे जिंदगी का एक हिस्सा बन चुके है। इसके बिना मानो आज कोई कार्य संभव ही नहीं है। इंटरनेट के इतने लाभ है की जिसकी गिनती करना मुश्किल है। पर वो कहते है न की किसी चीज के लाभ है तो जरूर उसकी हानि भी होगी। ठीक इसी तरह इंटरनेट की भी कई सारी हानियां है जिसमें से एक है साइबर क्राइम/अपराध। इसके बारे अधिकतर इंटरनेट यूजर्स ने जरूर सुन रखा होगा और कई सारे लोगों को इसके बारे में पता भी होगा।

पर अभी भी बहुत से ऐसे इंटरनेट यूजर्स है जो डेली बेसिस पर इंटरनेट का उपयोग करते है लेकिन Cyber crime के संदर्भ में उनके पास जानकारी नही है। वो नही जानते है की आखिर Cyber crime क्या है और यह कितने प्रकार के होते है? यही कारण है की अक्सर इस ऑनलाइन क्राइम या यूं कहें अपराध का शिकार कई सारे लोग और खासकर बच्चे होते है।

साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले ऐसे लोग होते है जिनको इंटरनेट के बारे में आम जनता से ज्यादा जानकारी होती है और इन क्षेत्र में माहिर भी होते है। ज्यादातर मामलों में देखा गया है की यह कोई अकेला व्यक्ति नही होता है जो इस काम को अंजाम देता है बल्कि एक पूरी की पूरी टीम होती है जिनका दिमाग इस अपराध के पीछे लगा होता हैं। 

एक जागरूक इंसान होने के नाते और इंटरनेट यूजर् के नाते आपको इस अपराध Cyber Crime के विषय जरूर जानना चाहिए। आज लेख में आपको कंप्यूटरीय अपराध के अर्थ के साथ इसके प्रकार के बारे में जानकारी भी दी जायेगी। इसके साथ इससे किस प्रकार बचा जा सकते है इस बात पर प्रकाश डाला जाएगा। आइए फिर साइबर क्राइम के बारे विषय में विस्तार से जानते है।

Cyber Crime क्या है?

कंप्यूटर और स्मार्टफोन के माध्यम के द्वारा इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग करके जब किसी व्यक्ति को मारने, संपत्ति हथियाने, तस्करी करने, व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल करके ब्लैकमेल करने, बाल प्रोमोग्राफी में फंसाने और धोखाधड़ी आदि जैसे घिनौने कार्य किए जाते है तब उसे Cyber Crime या कंप्यूटरीय अपराध कहते हैं। 

और इन सभी कार्यों को अंजाम देने वाले व्यक्ति या टीम को साइबर क्रिमिनल्स कहते है। अर्थात इस अपराध को करने वाला कोई एक व्यक्ति या फिर कोई व्यक्तियों का एक समूह भी हो सकता है। यदि आप साइबर अपराध को और अच्छे से समझना चाहते हो आइए हम आपको एक उदाहरण के जरिए समझाने का प्रयास करते है की आखिर साइबर अपराध है क्या?

उदाहरण : मान लीजिए की आप अपने बैंक अकाउंट में 50 हजार रुपए डलवाकर अपने घर आए। घर आने के कुछ समय बाद आपको किसी व्यक्ति का कॉल आता है और वो आपसे कहता है की आपको बहुत बहुत बधाई हो, आपको 10 लाख की लॉटरी लगी है। और आप इस बात को सुनके बहुत खुश हो जाते हो। 

थोड़ी बातचीत के बाद आपको वह व्यक्ति कहता है की आप अपना ATM नंबर और CVV नंबर बताइए ताकि आपके खाते में पैसे भेजे जा सके। आप भी बिना कुछ सोचे समझे उसको अपना एटीएम कार्ड नंबर और सीवीसी नंबर बता देते हो। नंबर बताने के तुरंत बाद ही वह व्यक्ति कॉल काट देता है और आपको SMS आता है की आपके अकाउंट से 50 हजार रुपए किसी ने निकल लिए।

अब यहां पर ऐसा हुआ की आपको कोई लॉटरी नही लगी थी बल्कि आपको साइबर क्राइम के तहत लालच देकर फंसाया गया और आपके अकाउंट से सारे पैसे निकाल लिए गए। अतः इसी प्रकार लोगों के साथ भी ओनलाइन स्कैम होते है। इसलिए आपको बैंक की तरफ से और आरबीआई के द्वारा चेतावनी दी जाती है की अपनी किसी भी तरह की बैंक डिटेल्स किसी के साथ शेयर न करें। 

अतः आप समझ गए होंगे कि साइबर क्राइम को कैसे अंजाम दिया जाता है। इसके अलावा यदि कोई लड़का किसी लड़की की व्यक्तिगत तस्वीरों को इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देता है तो उसे भी साइबर क्राइम कहा जाएगा। या कोई आपकी संपत्ति को हड़पने की धमकी देता है या व्यक्तिगत जानकारी के द्वारा आपको ब्लैकमेल किया जाता है वह भी cyber crime का ही हिस्सा है।

Cyber Crime कितने प्रकार के होते है; Types of Cyber Crime in Hindi

साइबर अपराध किसे कहते है इस बारे में आपको तो अच्छे से जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। लेकिन इसके साथ प्रत्येक इंटरनेट यूजर्स को चाहिए उनको इस बात का अच्छे से अंदाजा जरूर होना चाहिए की साइबर अपराध के आखिर प्रकार कौन–कौन से है? ऐसा इसलिए क्योंकि साइबर अपराध कई रूपों में आपको अपने चपेट में ले सकता है इसी कारण से हमने साइबर क्राइम के विभिन्न अपराधों के विषय में जानकारी दी है।

1. Hacking 

अधिकतर लोगों ने हैकिंग के बारे में सुन रखा होगा। खासकर जो कंप्यूटर के विषय में अधिक जानकारी रखते होंगे उनके लिए यह एक सामान्य शब्द हैं। जब कोई व्यक्ति या कोई संस्था इंटरनेट की मदद से किसी भी प्रतिबंधित ऑनलाइन अकाउंट, कंप्यूटर, स्मार्टफोन और किसी व्यक्ति के निजी जानकारी को बिना किसी अनुमति के इस्तेमाल करती है तो उसे हैकिंग कहा जाता है।

हैकिंग की प्रक्रिया को पूरा करने वाले व्यक्ति या संघ को हैकर्स कहते है। जब हैकिंग के अंतर्गत किसी के ऑनलाइन अकाउंट को हैक कर लिया जाता है तो अकाउंट का सारा कंट्रोल हैकर्स के हाथो में चला जाता। कई सारे लोगों के मन में आ रहा होगा की एथिकल हैकिंग भी इसी को कहते होंगे। लेकिन नही, एथिकल हैकिंग के अंतर्गत हैकर्स सरकार द्वारा खुद नियुक्त किए जाते है जो की कानून के लिए कार्य करते हैं।

2. Theft 

हिन्दी भाषा में थेफ्ट का अभिप्राय चोरी से है। यहां चोरी का अर्थ है ऑनलाइन किसी भी वेबसाइट से कॉपीराइट नीति का उल्लंघन करते हुए गाना, वीडियो, फोटो, गेम्स और फिल्म आदि को डाउनलोड करना। यह ऐसी वेबसाइट होती है जो गैरकानूनी रूप से मार्केट में लांच होने से पहले ही गाने, वीडियो, फोटो, मूवी आदि को यूजर्स तक इंटरनेट के माध्यम से पहुंचती है।

साथ ही प्रीमियम डाउनलोडेबल चीजों को उसके असली मालिक के अनुमति के बिना फ्री में ऑडियंस को इस्तेमाल करने का अधिकार देती है। अतः इस प्रकार के क्राइम भी साइबर क्राइम की सूची में शामिल है। यह वेबसाइट आपको गैराधिकारिक रूप से प्रीमियम चीजों को एक्सेस करने के लिए प्रेरित करती है जो कानून की नजरों में अपराध है।

3. Cyber Stalking

यदि सिंपल से शब्दों में कहा जाए तो साइबर स्टॉकिंग का अर्थ होता है की ऑनलाइन या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के द्वारा इंटरनेट यूजर्स को ब्लैकमेल करना या ऐसी चीजे करने के लिए बाध्य करना जो की यूजर के हित में न हो। साइबर स्टॉकिंग में साइबर क्रिमिनल्स ईमेल, सोशल मीडिया साइट्स, कॉल और मैसेज के द्वारा विक्टिम की व्यक्ति जानकारी का गलत इस्तेमाल करके उससे बालकमेल करता है।

उदाहरण के लिए यदि किसी लड़की की कोई व्यक्तिगत तस्वीर गलती से किसी लड़के ने चुरा ली है और अब वो इस तस्वीर को इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर विक्टिम से ऐसी चीजों की मांग करता है जो की बिलकुल भी सही नही है तो कहा जाएगा कि वह लड़की साइबर स्टॉकिंग का शिकार हुई है। इस तरह के मामले ऑनलाइन अधिक होते है।

4. Identify Theft

इस तरह के क्राइम आज के समय में काफी ज्यादा बढ़ गए है। आइडेंटिटी थेफ्ट का मतलब होता है जब कोई अन्य व्यक्ति आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कही से भी चुरा के या आपसे धोखे से मांग कर आपके साथ स्थान पर आपकी पहचान का उपयोग करके ऑनलाइन कोई एक्टिविटी करता है। 

व्यक्तिगत जानकारी के अंतर्गत आपके बैंक अकाउंट नंबर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर और नेट बैंकिंग डिटेल्स को क्रिमिनल आपके स्थान पर इस्तेमाल करता है। जैसे की क्रिमिनल इन सभी जानकारी का इस्तेमाल करके आपके साथ ऑनलाइन शॉपिंग कर सकता है या आपके अकाउंट से पैसे निकाल सकता है। इस तरह के केस में विक्टिम को वित्तीय हानि का सामान करना पड़ता है।

5. Child Pornography

भारत देश में इस तरह के मामले काफी देखे जाते है जिसका शिकार अमूमन रूप से छोटे बच्चे होते है जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम होती है। ऐसे मामलों के साइबर क्रिमिनल बच्चों को फंसाने के लिए चैट रूम का इस्तेमाल करते है और उनसे अपनी पहचान छुपाकर अश्लील बाते करते है। बच्चों को भी इस विषय के बारे में जानकारी नही होती है जिसकी वजह से वो इसमें फंस जाते है।

साथ ही उनको मानसिक रूप से भी कंट्रोल करने के साथ डराया और धमकाया भी जाता है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी का देखा जाए तो सबसे बड़ा कारण है की आजकल छोटे छोटे मोबाइल फोन के आदि होते जा रहे है। उनको इतनी समझ नही होती है और वो इंटरनेट पर गलत वेबसाइट पर जाके ऐसी चीजे देखने लगते है जो उनके मानसिक स्थिति पर गलत प्रभाव डालते है।

6. Malicious Software

मलीशियस का अर्थ होता है झूठा और सॉफ्टवेयर का अर्थ कंप्यूटर प्रोग्राम होता है। अर्थात ऐसे झूठे कंप्यूटर प्रोग्राम जिसमे हैकर्स या क्रिमिनल के द्वारा इंटरनेट की मदद से वायरस डाल दिए जाते है। यदि इन सॉफ्टवेयर को किसी भी डिवाइस में इंस्टॉल कर दिए जाते है तो उसका यह पूरा खराब कर देता है। साथ ही उस डिवाइस में स्टोर किए व्यक्तिगत जानकारियों को हैकर्स द्वारा एक्सेस कर लिया जाता है। इसलिए इंटरनेट से बिना किसी जानकारी के कोई भी सॉफ्टवेयर न खरीदे।

यह तो थे साइबर अपराध से जुड़े कुछ मुख्य अपराध। इसके अलावा हमने कुछ अन्य साइबर क्राइम के बारे में भी बताया है जिनके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए।

  • स्पैम ईमेल भी एक तरह का साइबर क्राइम है जिसमें क्रिमिनल के द्वारा फ्रॉड ईमेल भेजे जाते है।
  • सोशल नेटवर्किंग साइट्स के द्वारा राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक आदि प्रकार के झूठे अफवाह फैलाना भी साइबर क्राइम है।
  • किसी भी सोशल साइट्स पर जाके अभद्र टिप्पणी करना, तंग करना, धमकी देना भी साइबर अपराध का अंग है।
  • किसी की व्यक्तिगत जानकारी को मिटाना या फिर उसमें बदलाव करना भी साइबर क्राइम है।
  • इसके अलावा कम्प्यूटर के किसी भाग को तोड़ना फिर चाहे वो बाहरी हो या आंतरिक, साइबर अपराध ही कहलाता है।

Cyber Crime से खुद को कैसे बचाएं?

जैसा कि इस लेख से आप समझ गए होंगे की साइबर/कंप्यूटरीय अपराध कितना हानिकारक हो सकता और कैसे किसी को जिंदगी को भी बरबाद कर सकता है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है की आपके पास जानकारी हो की आप इस तरह के अपराध में फंसने से खुद को कैसे जाए। इस संदर्भ में हमने आपको कुछ उपाय बताए है जिनका आपको ध्यान रखना है।

  • सबसे पहले ध्यान रखना है की कभी भी ऐसी वेबसाइट का इस्तेमाल न करें जिसके साथ “http” लगा हो। बल्कि उस वेबसाइट में ही विजिट करे जिसके डोमेन नेम के साथ “https” लगा हो। इसका अर्थ होता है को यह एक सिक्योर वेबसाइट है।
  • किसी भी सार्वजनिक स्थान पर यदि आपको फ्री वाईफाई की सुविधा दी जा रही हो तो उसका इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।
  • यदि आपको किसी भी व्यक्ति या किसी संस्था से लॉटरी के संदर्भ में कोई कॉल आए तो उस पर विश्वाश न करे।
  • अगर आपको कोई कॉल आए जिसमे यह कहा जाता है की वो बैंक कर्मचारी है और आपसे आपके बैंक डिटेल्स जैसे की खाता नंबर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर और पिन आदि पूछे तो गलती से भी कोई जानकारी उनके साथ शेयर न करें।
  • इसके साथ यदि आपको किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा कोई ईमेल या मैसेज आता है और उसमे किसी तरह का कोई लिंक दिया गया हो तो उस पर क्लिक न करें।
  • जब की आप ईमेल, फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी भी वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाते हो और पासवर्ड बदलंते हो तो पुराना वाला पासवर्ड फिर से इस्तेमाल न करें।
  • किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट में log in करने के लिए हमेशा एक मजबूत बनाए।
  • किसी भी वेबसाइट से पायरेटेड मूवी, सॉन्ग, वीडियो, फोटो आदि डाउनलोड करने से बचे।
  • जब कभी सोशल साइट्स पर कोई पोस्ट डालो तो अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को शेयर करने से बचे।
  • अपनी व्यक्तिगत फोटो किसी के साथ भी शेयर न करे।
  • ऑनलाइन वेबसाइट पर अकाउंट बनाते समय अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरने से पहले देख ले की वेबसाइट वेरिफाइड और सिक्योर है या नही।
  • आपके मोबाइल में जो भी ब्राउजर और एप्लीकेशन का आप इस्तेमाल करते हो उनको समय समय पर अपडेट करते रहिए।
  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, UPI Pin, CVV नंबर किसी के साथ शेयर न करें।
  • ऑनलाइन बिना किसी जानकारी के कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड न करें।
  • अगर आप लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हो तो अच्छा सा एंटी वायरस जरूर Install करें।
  • इन सबके के साथ आप साइबर क्राइम के विषय में खुद को जागरूक करें और इसके बारे में खुद भी जानकारी प्राप्त करे तथा दूसरो को भी समझाएं।

Cyber Crime से संबंधित सवाल जवाब

1. साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते है?

थेफ्ट, साइबर स्टॉकिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, हैकिंग आदि साइबर क्राइम के मुख्य प्रकार है।

2. साइबर क्राइम क्या है समझाइए?

साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जिसके अंतर्गत कंप्यूर नेटवर्क और स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके विक्टिम को डराया धमकाया जाता है, उसी निजी जानकारी को हैक किया जाता है, फिरौती मांगी मांगी जाती है और वित्तिय नुकसान पहुंचाया जाता है।

3. साइबर क्राइम कैसे बचा जा सकता है?

साइबर क्राइम से बचने के लिए आपको फेक फोन कॉल से दूर रहना है, लालच भरी स्कीम से दूर रहना है, अपनी निजी जानकारी को दूसरो के साथ शेयर नही करना है और लेख में बताए गए सभी चीजों को फॉलो करना है।

4. साइबर क्राइम होने पर क्या करे?

अगर आपके साथ या आपके किसी करीबी के कोई साइबर घटना घटती होती है तो आप स्थानीय पुलिस स्टेशन या उस शहर के साइबर क्राइम संस्था पर जाके रिपोर्ट कर सकते हो। यह काम आप ऑनलाइन भी कर सकते हो।


सारांश 

साइबर क्राइम क्या और इसके प्रकार कौन–कौन से है अब आप अच्छे से जान गए होंगे। इस लेख में आपको हमने आज इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के द्वारा हो रहे साइबर अपराध के विरुद्ध जागरूक करने का प्रयास किया है। हमने आपको बारीकी के साथ साइबर क्राइम के अर्थ, इसके प्रकार और इससे बचने के उपाय के बारे में समझाया है। हम यही उम्मीद करते है की आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा। अगर इस लेख से संबंधित आपके कोई प्रश्न हो तो बेझिझक आप पूछ सकते हो।

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